Operation Sindoor: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में बिहार के रोहतास जिले के अरूहीं गांव के रहने वाले आईबी अधिकारी मनीष रंजन की भी जान चली गई थी. बीते मंगलवार (06 मई, 2025) को उनकी तेरहवीं थी. यह वही तारीख है जब मंगलवार की रात भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पीओके (PoK) में एयर स्ट्राइक की.
आतंकवादियों के खिलाफ की गई इस कार्रवाई की खबर बुधवार (07 मई, 2025) को जैसे ही आई तो गांव में लोग खुश हो गए. परिवार से जुड़े जो लोग गांव में थे उनके दिल को सुकून पहुंचा. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर अब परिवार ने प्रतिक्रिया दी है.
‘हम लोग इस कार्रवाई से बहुत संतुष्ट हैं’
आईबी अधिकारी मनीष रंजन के रिश्ते में लगने वाले भाई (सगे नहीं) शशिकांत मिश्रा ने इस जवाबी कार्रवाई पर कहा कि जैसे ही इसके बारे में हमलोगों को पता चला तो बहुत ही अच्छा लगा. जिस दिन यह घटना हुई थी उस दिन से सबकी मांग थी कि बदले की कार्रवाई की जाए. हम लोग इस कार्रवाई से बहुत संतुष्ट हैं. प्रधानमंत्री ने बहुत अच्छा किया है. इस तरह का हमला और होना चाहिए.
‘जो कार्रवाई हुई है उससे और कड़ी होनी चाहिए’
मनीष रंजन के चाचा दीपक कुमार मिश्रा ने भी इस ऑपरेशन की सराहना की. उन्होंने कहा कि बदले की कार्रवाई हो रही है ठीक है, लेकिन ऐसा हो कि पहलगाम में जो हुआ वो अगली बार किसी के साथ ऐसा न हो. हम लोग यही चाहते हैं. जो कार्रवाई हुई है उससे और कड़ी होनी चाहिए.
करगहर थाना क्षेत्र के अरूहीं गांव में लोगों ने दीप जलाकर सेना और सरकार के प्रति आभार प्रकट किया. बता दें कि मनीष रंजन तीन भाइयों में सबसे बड़े थे. एक भाई विनीत रंजन एक्साइज विभाग में अधिकारी हैं. उनकी पोस्टिंग झारखंड में है. दूसरा छोटा भाई राहुल रंजन छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में फूड इंस्पेक्टर के पद पर है.
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