Jammu Kashmir News: जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले के एक गांव में रविवार (4 मई) को एक युवक का शव बरामद हुआ. आरोप है कि इस युवक को पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद पूछताछ के लिए सुरक्षाबलों ने हिरासत में लिया था. पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि इम्तियाज अहमद माग्रे नाम के इस शख्स की मौत की परिस्थितियों को लेकर गंभीर आरोप लग रहे हैं.
इम्तियाज अहमद का शव रविवार (4 मई) की सुबह कुलगाम जिले के अहरबल इलाके में अदबल नाले से बरामद किया गया था. पुलिस ने घटना का संज्ञान लिया है और मौत के वास्तविक कारण का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी है. माग्रे का शव बरामद होने के कुछ घंटों बाद सामने आए ड्रोन फुटेज में एक युवक को अदबल नाले में कूदते और बहते हुए देखा गया.
आतंकियों का सहयोग करने का था आरोप
पुलिस ने दावा किया है कि इम्तियाज अहमद माग्रे ने आतंकवादियों का सहयोग करने की बात ‘कबूल’ की थी और वह सुरक्षाबलों को जंगल क्षेत्र में एक ठिकाने पर ले रहा था. इस दौरान उसने भागने की कोशिश की थी.
इस बीच, जम्मू-कश्मीर सरकार में मंत्री सकीना इट्टू ने माग्रे की मौत से जुड़े मामले की न्यायिक जांच की मांग की है. उन्होंने दावा किया है कि पुलिस रिकॉर्ड में मृतक के खिलाफ कुछ भी नहीं है. इट्टू ने कहा कि मामले में न्यायिक जांच होनी चाहिए, ताकि सच्चाई सामने आ सके.
‘निर्दोष लोगों को न किया जाए परेशान’- मंत्री इट्टू
मंत्री ने आगे कहा, “पहलगाम हमला बहुत दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण था. हम सभी इससे दुखी हैं. डर का माहौल बना हुआ है. मैं उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से अनुरोध करती हूं कि गृह विभाग को निर्देश दिए जाएं कि निर्दोष लोगों को परेशान न किया जाए और उन्हें नुकसान न पहुंचाया जाए.’’
महबूबा मुफ्ती ने लगाए ये आरोप
वहीं, महबूबा ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘कुलगाम में नाले से एक और शव बरामद हुआ है, जिसे लेकर गंभीर आरोप लगे हैं. स्थानीय निवासियों का आरोप है कि सुरक्षाबलों ने इम्तियाज माग्रे को दो दिन पहले ही पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था और अब उसका शव रहस्यमय तरीके से नाले में मिला है.’’
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पहलगाम में आतंकवादी हमला कश्मीर में शांति को पटरी से उतारने, पर्यटन को बाधित करने और देशभर में सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने का सुनियोजित प्रयास था.
NC सांसद की भी आई प्रतिक्रिया
इसके अलावा, नेशनल कॉन्फ्रेंस के लोकसभा सदस्य आगा रूहुल्लाह मेहदी ने कहा कि वह माग्रे के शव की बरामदगी से बहुत चिंतित हैं. मेहदी ने कहा, ‘‘विश्वसनीय रिपोर्ट के अनुसार, माग्रे को कुछ दिन पहले सुरक्षाबलों ने पकड़ लिया था और आज उसे मृत अवस्था में उसके परिवार को सौंप दिया गया. पहलगाम हमले के बाद कश्मीरियों की मौत को नुकसान की भरपाई के रूप में नहीं देखा जा सकता. मनमाने ढंग से हिरासत में लेना, हिरासत में हत्या करना और यातना देना हर लोकतांत्रिक और कानूनी सिद्धांत का उल्लंघन है.’’