Lucknow News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में देश का अगुवा राज्य बनाने की दिशा में तेजी से काम कर रहे हैं. इसी के तहत अब प्रदेश सरकार छह प्रमुख विभागों की मदद से बड़े पैमाने पर एआई में दक्ष वर्कफोर्स तैयार करने जा रही है. इस अभियान के तहत हर महीने करीब 1.5 लाख लोगों को एआई की ट्रेनिंग दी जाएगी और अगले 4 से 6 महीने में 10 लाख से अधिक लोग एआई तकनीकों में प्रशिक्षित हो जाएंगे.
प्रदेश सरकार के आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग की योजना के अनुसार, इस अभियान में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, ग्राम्य विकास, राजस्व विभाग और सचिवालय प्रशासन की अहम भागीदारी रहेगी. हर विभाग अपनी जरूरत के हिसाब से एआई आधारित प्रशिक्षण देगा.
एआई वर्कफोर्स में इन विभागों की रहेगी सहभागिता
शिक्षा विभाग: स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में छात्रों, शिक्षकों और स्टाफ को एआई की जानकारी दी जाएगी.
स्वास्थ्य विभाग: डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ और प्रोफेशनलों को एआई आधारित तकनीकों जैसे डायग्नोस्टिक टूल्स और मेडिकल डेटा एनालिसिस में प्रशिक्षित किया जाएगा.
कृषि विभाग: किसानों, कृषि वैज्ञानिकों और ग्रामीण उद्यमियों को खेती में एआई के उपयोग जैसे स्मार्ट सिंचाई, फसल पूर्वानुमान और कीट नियंत्रण तकनीकों की जानकारी दी जाएगी.
ग्राम्य विकास विभाग: ग्रामीण महिलाओं, एनजीओ और पंचायत कर्मियों को डिजिटल दक्षता और एआई के उपयोग की ट्रेनिंग दी जाएगी.
राजस्व और सचिवालय प्रशासन विभाग: यहां काम करने वाले कर्मचारियों को सरकारी कामकाज में एआई के उपयोग जैसे डाटा एनालिसिस, फाइल ट्रैकिंग आदि की जानकारी दी जाएगी.
राज्य और जिले में बनेगी मॉनिटरिंग कमेटी
इस बड़े अभियान की निगरानी और प्रगति सुनिश्चित करने के लिए राज्य स्तर पर मुख्य सचिव और जिले स्तर पर जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में निगरानी समितियां बनाई जाएंगी. ये कमेटियां हर महीने रिपोर्ट तैयार करेंगी और प्रगति के आधार पर जिलों व विभागों की रैंकिंग भी की जाएगी. इससे न केवल पारदर्शिता बनी रहेगी, बल्कि जवाबदेही भी तय हो सकेगी.
आईटी विभाग की ‘सेंटर फॉर ई-गवर्नेंस’ बनेगी नोडल एजेंसी
इस योजना के संचालन और समन्वय की जिम्मेदारी आईटी विभाग के अधीन सेंटर फॉर ई-गवर्नेंस (CEC) को दी गई है. यह सभी विभागों के साथ संवाद कर मासिक प्रगति रिपोर्ट तैयार करेगी और कमियों को समय पर दूर करने का काम भी करेगी.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी कृत्रिम बुद्धिमत्ता आज दुनिया भर में तकनीकी क्रांति ला रही है. इसका उपयोग हेल्थकेयर, कृषि, शिक्षा, सुरक्षा और व्यापार समेत हर क्षेत्र में हो रहा है. भारत सरकार भी “डिजिटल इंडिया” के तहत एआई को बढ़ावा दे रही है. ऐसे में उत्तर प्रदेश का यह कदम न सिर्फ राज्य की तकनीकी क्षमता को मजबूत करेगा, बल्कि मुख्यमंत्री योगी के वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के लक्ष्य को भी मजबूती देगा.
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