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एमपी में जल जीवन मिशन में लापरवाही, एक इंजीनियर सस्पेंड, 11 को कारण बताओ नोटिस

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Jal Jeevan Mission In MP: मध्य प्रदेश की व्यापारिक नगरी इंदौर को देश में सबसे स्वच्छ शहर के तौर पर जाना जाता है और यह आगामी समय में हर घर जल पहुंचाने वाला जिला भी बनने वाला है. राज्य के दो जिले बुरहानपुर और निवाड़ी को पूर्व में ही हर घर जल पहुंचाने वाला जिला होने का खिताब मिल चुका है.

जल जीवन मिशन के काम में रुचि न लेने वाले एक कार्यपालन यंत्री को निलंबित किया गया है. वहीं, 11 इंजीनियरों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं.

बताया गया है कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत प्रदेश के 111.77 लाख परिवारों में से 77.12 लाख (69 प्रतिशत) परिवारों को नल से जल उपलब्ध हो गया है तथा शेष ग्रामों में कार्य प्रगति पर है. इंदौर जिले के समस्त ग्रामीण परिवारों को नल से जल उपलब्ध कराने का कार्य पूर्णता की ओर है तथा शीघ्र ही इंदौर जिले को हर घर जल जिला घोषित किए जाने की कार्रवाई प्राथमिकता पर की जा रही है.

विभाग द्वारा एकल ग्राम नल जल योजनाओं को शीघ्रातिशीघ्र पूर्ण कराने हेतु प्रत्येक स्तर पर समुचित प्रयास किए जा रहे हैं. जल जीवन मिशन के कार्यों में रुचि न लेने तथा कार्यों की अत्यंत धीमी प्रगति के कारण सिंगरौली के कार्यपालन यंत्री त्रिलोक सिंह बरकडे को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी खंड सागर, जबलपुर, उमरिया, दतिया, सतना, विदिशा, गुना, अलीराजपुर, रतलाम, दमोह एवं मंदसौर के कार्यपालन यंत्रियों को कारण बताओ सूचना जारी किए गए हैं.

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के प्रमुख सचिव पी. नरहरि ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी को निर्देशित किया है कि सभी मैदानी अधिकारी जल जीवन मिशन के कार्यों को गुणवत्ता के साथ समय-सीमा में पूर्ण कराएं तथा ग्रीष्म ऋतु में ग्रामीण क्षेत्रों की पेयजल व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित कराएं. जिन अधिकारियों द्वारा जल जीवन मिशन सहित अन्य विभागीय कार्यों में कोताही बरती जाएगी, उनके विरुद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.

प्रमुख सचिव ने कहा कि जिन कर्मचारियों द्वारा मिशन तथा विभागीय कार्यों से संबंधित जानकारियां अथवा पेयजल से संबंधित समस्याओं से वरिष्ठ अधिकारियों को समय पर अवगत नहीं कराया जा रहा है, अथवा कार्य में रुचि नहीं ली जा रही है, अथवा जानबूझकर कार्य को लंबित रखा जा रहा है, ऐसे कर्मचारियों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई के प्रस्ताव तत्काल प्रेषित करने के भी निर्देश दिए गए.

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