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Jammu: रामबन में भूस्खलन से तबाही, फारूक अब्दुल्ला बोले- ‘केंद्र सरकार तत्काल करे मदद’

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Jammu Kashmir News: जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में रविवार को हुई भारी बारिश और बादल फटने से आई बाढ़ और भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई. इस प्राकृतिक आपदा में दो नाबालिग भाई-बहनों सहित तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि सौ से ज्यादा लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया. मलबे के नीचे कई वाहन दब गए और सड़कों व मकानों को गंभीर नुकसान पहुंचा है.

इस घटना को देखते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने सोमवार को इसे एक राष्ट्रीय आपदा बताया और केंद्र सरकार से तुरंत राहत और पुनर्वास सहायता की मांग की. उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार दोनों से मिलकर काम करने की अपील की ताकि प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द मदद मिल सके.

लोगों को स्थानांतरित करना जरूरी” फारूक अब्दुल्ला

एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बात करते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि यह एक बहुत बड़ी त्रासदी है जिसमें कई गांव पूरी तरह प्रभावित हुए हैं. उन्होंने बताया कि एक अन्य जगह पर भी बादल फटा, जिससे दो और लोगों की जान चली गई. अब्दुल्ला ने कहा कि कई इलाकों में पहाड़ का बड़ा हिस्सा ढह गया है और अब वहां लोगों का रहना संभव नहीं है. 

इसलिए प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर बसाना जरूरी है. उन्होंने यह भी कहा कि पानी के बहाव का उचित प्रबंधन नहीं होने के कारण यह तबाही हुई है. यदि नालों की समय पर मरम्मत होती और पानी को सही दिशा में बहने दिया जाता, तो नुकसान कम हो सकता था.

वैकल्पिक संपर्क मार्गों की आवश्यकता

उन्होंने जम्मू-श्रीनगर हाईवे की स्थिति को लेकर चिंता जताई और कहा कि यह कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाला एकमात्र ऑल-वेदर रोड है, जो इस समय पूरी तरह से बाधित है. यदि रेल सेवा शुरू हो जाती, तो लोग उसका उपयोग कर सकते थे, लेकिन खराब मौसम के कारण प्रधानमंत्री भी उसका उद्घाटन करने नहीं आ सके.

अब्दुल्ला ने बताया कि मुगल रोड पर भी दबाव बढ़ गया है और राजौरी के सुंदरबनी में यात्रियों को रोककर उन्हें धीरे-धीरे आगे भेजा जा रहा है. उन्होंने आपदाओं से बचाव और आवाजाही को आसान बनाने के लिए डोडा और मुगल रोड पर सुरंगों के निर्माण की जरूरत पर बल दिया.

उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र को जोड़ने के लिए वैकल्पिक मार्गों का विकास अब समय की मांग है. अंत में उन्होंने कहा कि यह वक्त है कार्रवाई का, और हमें लोगों की जान बचाने के लिए हरसंभव प्रयास करने चाहिए.

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